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Uttar Pradesh

पहलगाम बस हादसा: एटा के रहने वाले अमित कुमार हुए शहीद, आईटीबीपी में थे सिपाही

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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए बस हादसे में एटा के रहने वाले आईटीबीपी के जवान अमित कुमार भी शहीद हो गए। उनके परिवार को आईटीबीपी मुख्यालय से फोन कर हादसे की सूचना दी गई। अमित कुमार की पत्नी प्रीति गर्भवती हैं। परिजनों ने देर शाम तक उन्हें हादसे की जानकारी नहीं दी है। 

अवागढ़ ब्लॉक क्षेत्र के गांव बरा भौंडेला निवासी अमित कुमार 2007 में आईटीबीपी में कांस्टेबल पद पर भर्ती हुए थे। गांव में उनके पड़ोसी जितेंद्र ने बताया कि अमित की पहली पत्नी की प्रसव के दौरान मौत हो गई। 2020 में उनकी दूसरी शादी प्रीति से हुई। वह अभी गर्भवती है। चार भाइयों में अमित सबसे छोटे थे। 

शहीद के पिता करते हैं खेताबाड़ी

तीन भाई दिल्ली में रहकर मजदूरी करते हैं। पिता कुंवरपाल खेती से गुजारा करते थे। पिता और मां रामवती काफी वृद्ध हैं। अमित करीब डेढ़ महीने पहले छुट्टी पर गांव आए थे। 12 दिन रुकने के बाद फिर ड्यूटी पर चले गए। मंगलवार दोपहर फोन पर बताया गया कि जिस बस में वह जा रहे थे, वो दुर्घटनाग्रस्त हो गई है। 

हादसे में अमित जख्मी हुए हैं। हालांकि यह नहीं बताया गया था कि उनकी मृत्यु हो गई है। जिसके चलते परिवार और गांव में इस तरह की कोई जानकारी नहीं थी। देर शाम तक गांव में सामान्य माहौल था। बाद में परिवार को अमित की मौत होने की जानकारी मिली। 

खाई में बस गिरने से हुआ था हादसा 

बता दें कि अमरनाथ यात्रा की ड्यूटी से लौट रहे भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) जवानों से भरी बस पहलगाम से छह किलोमीटर पहले गहरी खाई में गिर जाने से सात जवानों की मौत हो गई। बस में 39 जवान सवार थे। शहीद जवानों में एटा के अमित कुमार भी हैं। 

विस्तार

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए बस हादसे में एटा के रहने वाले आईटीबीपी के जवान अमित कुमार भी शहीद हो गए। उनके परिवार को आईटीबीपी मुख्यालय से फोन कर हादसे की सूचना दी गई। अमित कुमार की पत्नी प्रीति गर्भवती हैं। परिजनों ने देर शाम तक उन्हें हादसे की जानकारी नहीं दी है। 

अवागढ़ ब्लॉक क्षेत्र के गांव बरा भौंडेला निवासी अमित कुमार 2007 में आईटीबीपी में कांस्टेबल पद पर भर्ती हुए थे। गांव में उनके पड़ोसी जितेंद्र ने बताया कि अमित की पहली पत्नी की प्रसव के दौरान मौत हो गई। 2020 में उनकी दूसरी शादी प्रीति से हुई। वह अभी गर्भवती है। चार भाइयों में अमित सबसे छोटे थे। 

शहीद के पिता करते हैं खेताबाड़ी

तीन भाई दिल्ली में रहकर मजदूरी करते हैं। पिता कुंवरपाल खेती से गुजारा करते थे। पिता और मां रामवती काफी वृद्ध हैं। अमित करीब डेढ़ महीने पहले छुट्टी पर गांव आए थे। 12 दिन रुकने के बाद फिर ड्यूटी पर चले गए। मंगलवार दोपहर फोन पर बताया गया कि जिस बस में वह जा रहे थे, वो दुर्घटनाग्रस्त हो गई है। 



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