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हाईकोर्ट : प्रमुख सचिव गृह से सरकारी वकील की सक्षमता पर कोर्ट ने मांगा स्पष्टीकरण
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अदालत नया
– फोटो: आईस्टॉक
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लोक अभियोजक द्वारा मांगी गई जानकारी उपलब्ध नहीं कराने और अस्पष्ट हलफनामे दाखिल करने पर नाराजगी जताई। प्रमुख सचिव गृह को निर्देशित किया गया है कि 7 दिसम्बर तक व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल कर शासकीय अधिवक्ता के आचरण एवं शासकीय अधिवक्ता की अक्षमता पर स्पष्टीकरण प्रस्तुत करें. जस्टिस मंजू रानी चौहान ने यह आदेश रोहित की जमानत अर्जी पर दिया है.
कोर्ट ने 23 सितंबर को सरकारी वकील को डीएनए टेस्ट रिपोर्ट जमा करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया था। दायर अनुपालन हलफनामे में कहा गया था कि जांच अधिकारी ने फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला से संपर्क किया और उन्हें बताया गया कि उन्हें अब तक नमूना नहीं मिला है। कोर्ट ने कहा, अपर शासकीय अधिवक्ता ने अस्पष्ट हलफनामा तैयार किया है।
शासकीय अधिवक्ता कार्यालय से पत्र कब भेजा गया इसका कोई अभिलेख नहीं है। कोर्ट ने कहा, अक्सर देखा जाता है कि सूचना देने के आदेश का पालन नहीं होता और मांगी गई सूचना समय पर नहीं मिलती। इस पर प्रमुख सचिव गृह से स्पष्टीकरण मांगा गया है। सुनवाई 7 दिसंबर को होगी।
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